मंजू वर्मा का समाज कल्याण विभाग इस मामले में संदिग्ध था. टाटा
इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट आने के बाद से समाज कल्याण विभाग
पर कई सवाल उठ रहे थे.
पुलिस की प्राथमिक जांच में मंजू वर्मा और
उनके पति चंद्रशेखर वर्मा का मामले के मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर से
बातचीत होने की पुष्टि की गई थी.
मंगलवार को ब्रजेश ठाकुर ने सीबीआई
के सामने स्वीकारा था कि उनकी मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा से बात
होती थी. इसके बाद मंजू
उन्होंने कहा कि वो सार्वजनिक जीवन में हैं और वो हर किसी के फोन का
उत्तर देती हैं. जैसे वो अन्य लोगों के फोन का उत्तर देती थीं, वैसे ही वो
ब्रजेश ठाकुर का भी फोन उठाती थीं.
मंजू वर्मा ने कहा कि अगर ब्रजेश
ठाकुर से बातचीत के आधार पर उनके पति को दोषी ठहराया जा रहा है तो उन सभी
लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए जिनसे ब्रजेश ठाकुर फोन पर बात करते थे.
मंजू
वर्मा ने कहा, "मैं सर्वोच्च न्यायालय से गुहार करती हूं कि ब्रजेश ठाकुर
का कॉल डिटेल सार्वजनिक किया जाए. मुझे लग रहा है कि वहां (बालिक गृह में)
रखूसदार लोग जाते थे, जिन्हें बचाने की कोशिश हो रही है."
मंत्री ने
विपक्ष पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब राजद सरकार में थी और पतंग
महोत्सव के दौरान दर्जनों लोग मारे गए थे, तब किसी मंत्री ने नैतिकता का
हवाला देकर इस्तीफा क्यों नहीं दिया.
आज पोक्सो कोर्ट में सुनवाई के लिए लाए गए ब्रजेश ठाकुर ने भी कैदी वैन
के अंदर से मीडिया के सवालों के जवाब में माना कि चंद्रशेखर वर्मा से उनकी
बातचीत होती थी.
कैदी वैन के बाहर एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि मंजू वर्मा के पति से अपकी बातचीत के कॉल डिटेल्स सामने आए है. पूरा मामला क्या है?
इसके
जवाब में ब्रजेश ठाकुर ने कहा, "कोई ऐसा परिचय भी मेरा नहीं है उनसे
(चंद्रशेखर वर्मा से). आज तक उनसे किसी कार्यवश बात नहीं हुई है. पोलिटिकल
इश्यू पर बात हुई है."
जेडयू प्रवक्ता अजय आलोक ने बीबीसी से कहा, ''सीबीआई से पूछताछ में
मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर ने बताया कि मंजू वर्मा से उनकी 17 बार बात
हुई थी. इस तथ्य के सामने आने के बाद पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं रह सकती
थी."
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले साफ़ कर दिया था कि जांच में जो भी पाए जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
नीतीश
कुमार ने सोमवार को पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि
मंजू वर्मा से जुड़ी चीज़ें सामने आएंगी तो कार्रवाई होगी.
मामले में 24 जून को मुज़फ़्फ़रपुर के सीपीओ रवि कुमार रोशन को
गिरफ़्तार किया गया था. इसके बाद उनकी पत्नी शिभा कुमार सिंह ने आरोप लगाया
था कि मामले में विभाग की मंत्री की संलिप्तता थी और उनके पति को साजिश के
तहत फंसाया गया है.
उन्होंने
कहा था, "हमने मंत्री को बुलाकर पूछा था और उन्होंने साफ़ इनकार किया. इसकी
जांच सीबीआई कर रही है और निगरानी हाई कोर्ट की है. कोई बचेगा क्या?"
हालांकि मंजू वर्मा का कहना है कि उन्होंने किसी के दबाव में इस्तीफा नहीं दिया है.
मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह मामले में मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा
पर भी कई आरोप लगे हैं. विपक्षी दल मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग कर रहे
थे.
पुलिस की प्राथमिक जांच में यह बात भी सामने आई थी कि मंजू वर्मा
के पति चंद्रशेखर वर्मा मुज़फ़्फ़रपुर बालिक गृह अक्सर जाया करते थे.
मंजू
वर्मा ने भी यह बात स्वीकारी थी कि उनके पति और मुख्य अभियुक्त के बीच
संबंध थे. उनका कहना था कि उनके पति को ये मालूम नहीं था कि ब्रजेश ठाकुर
किसी तरह का ग़लत काम करते हैं.
वर्मा ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को
अपना इस्तीफा सौंप दिया.
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