Wednesday, October 10, 2018

सौरभ ने जीता स्वर्ण, 10 मीटर एयर पिस्टल में बने चैम्पियन

यूनस आयर्स. शूटर सौरभ चौधरी ने बुधवार को तीसरे यूथ ओलिंपिक गेम्स में भारत को तीसरा स्वर्ण पदक दिलाया। 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 16 साल के सौरभ 244.2 अंक के साथ पहले स्थान पर रहे। वे दूसरे स्थान पर रहे कोरिया के सुंग युन्हो से 7.5 अंक आगे रहे।  सौरभ ने अपने अंतिम 21 शॉट में से 19 में 10 से अधिक अंक बनाए।

सुंग ने 236.7 अंक के साथ रजत जीता। स्विट्जरलैंड के सोलारी जेसन को कांस्य पदक  मिला। सौरभ क्वालिफाइंग राउंड में भी 580 अंक बनाकर टॉप पर रहे थे। उन्होंने इसके पहले एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था।
जकार्ता. इंडोनेशिया की जूडो खिलाड़ी मिफ्ताहुल जन्ना को पैरा एशियन गेम्स में महिलाओं की 52 किग्रा विजुअल इम्पेर्मेंट (दृष्टि दोष) कैटेगरी में भाग लेने से रोक दिया गया। उन्होंने मुकाबले के दौरान हिजाब उतारने से मना कर दिया था। 21 साल की इस मुस्लिम खिलाड़ी को इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन (आईजेएफ) के नियमों का उल्लंघन करने के कारण प्रतियोगिता में भाग लेने के अयोग्य ठहराया गया है। आईजेएफ के नियमों के मुताबिक, मुकाबले के दौरान चिकित्सा के लिए बैडेंज (पट्टी) बांधने को छोड़कर कोई भी जूडो खिलाड़ी अपने सिर को किसी भी कपड़े से ढक नहीं सकता है।
अयोग्य ठहराए जाने के बाद मिफ्ताहुल रोते हुए प्रतियोगिता स्थल से बाहर निकलीं। इस घटना की काफी आलोचना हो रही है। मिफ्ताहुल के प्रशंसक इसे उनके साथ भेदभाव मान रहे हैं। मिफ्ताहुल के हिजाब नहीं उतारने के फैसले की सोशल मीडिया पर प्रशंसा हो रही है।
वहीं, इंडोनेशियन नेशनल पैरालिंपिक कमेटी (एनपीसी) सेनी मार्बुन ने इस विवाद के लिए लापरवाही को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि टीम के कोच नियमों को लेकर अनजान थे, क्योंकि अंग्रेजी अच्छी नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘एनपीसी की ओर से मैं इस सबके लिए माफी चाहता हूं। यह वास्तव में शर्मनाक है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा फिर कभी नहीं होगा।’यह घटना इंडोनेशियाई मीडिया में सुर्खियों में रही। देश के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (डीपीआर) ने इसका संज्ञान लिया। डीपीआर के सदस्यों ने मिफ्ताहुल को मक्का में उमरा दौरे करने का इनाम दिया है। इस पुरस्कार पर मिफ्ताहुल ने कहा, ‘मैं इसकी सराहाना करती हूं। मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे उमरा का टिकट दिया। मैं उत्साहित हूं। यह मेरे लिए स्वर्ण पदक जीतने जैसा है, क्योंकि मैं कल के मुकाबले में भाग लेने से वंचित रह गई थी।’
नई दिल्ली. भारतीय शटलर पीवी सिंधु ने ‘#मी टू मूवमेंट’का समर्थन तो किया, लेकिन इस पर चल रही बहस से खुद को दरकिनार कर लिया। ओलिंपिक और विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाली सिंधु ने कहा कि उन्हें अपने करियर के दौरान ऐसी किसी भी अनुभव से दो-चार नहीं होना पड़ा। वे अपने करियर से संतुष्ट हैं। सिंधु बुधवार को यहां एक निजी कंपनी के उत्पाद की लांचिंग के अवसर पर मौजूद थीं। बता दें कि भारत की पूर्व शटलर ज्वाला गुट्टा ने ‘#मी टू मूवमेंट’ के जरिए खुद को मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने की बात कही है।
सिंधु ने कहा, ‘मुझे सीनियर्स और कोचेस के बारे में कुछ नहीं पता है। जहां तक मेरी बात है, मैं स्पोर्ट्स सर्किट में कई साल से हूं। यह मेरे लिए अच्छा है। मेरे साथ ऐसी कोई दिक्कत कभी पेश नहीं आई। मैं अपने करियर से संतुष्ट हूं। ’सिंधु से पूछा गया था कि अपने खेल करियर के दौरान क्या उन्हें कभी ऐसे हालात से गुजरना पड़ा।
हालांकि उन्होंने मी टू मूवमेंट के मुद्दे पर कहा, ‘जो लोग इस मामले में खुद निकलकर सामने आए और अपनी आपबीती को समाज के सामने रखा, मैं उनका दिल से सम्मान करती हूं। यह वास्तव में अच्छा है कि जिनके साथ ऐसा कुछ हुआ है उन्होंने इन बातों को सामने रखने का साहस दिखाया है।’
भविष्य की प्रतियोगिताओं को लेकर सिंधु ने कहा, ‘अभी कुछ और टूर्नामेंट होने हैं। मैं उनमें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार हूं।’ पेरिस में 23 से 28 अक्टूबर तक योनेक्स फ्रेंच ओपन टूर्नामेंट होना है। इसमें सिंधु के पास अपनी रैंकिंग सुधारने का मौका है।